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Wednesday 14 December 2011

INDIA KE LOGO PLEASE INDIA KO AAGE BADHAO



HUM DUSARO KO NAHI BADAL SAKATE HAI, 

APNE AAP KO BADAL SAKATE HAI.


Tuesday 13 December 2011

डॉलर रुपये पर व्यंग्य या हकीकत


मित्रो 
आज रुपये के मुकाबले डॉलर को मजबूत होता देख (13 Dec 2011  1 Dollar = 53.12095 Rs/-)  अब ऐसा लगता हैं की अब हमें इनकम रुपये के बदले डॉलर में करनी चहिये 
जिसकी आय 15000 रुपये हैं उसे 15000 डॉलर की इनकम करनी चाहिए तब जा कर ही वह परिवार आने वाली महंगाई के प्रभाव को छेल पायेगा 
जैसा की  आप सभी जानते हैं की पिछले कुछ महीने पहले हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने कहा था की "एक आदमी का एक दिन का गुजारा 33 रुपये में आराम से हो सकता हैं |"



दरअसल मुझे ऐसा लगता हैं की  बोलते वक़्त उनसे गलती हो गयी वे शायद 33 डॉलर  (1752.99135 Rs/-) कहना चाहते थे और 33 रुपये बोल गए , इसलिए चिंता की बात नहीं हैं अभी महंगाई कण्ट्रोल में हैं 

अब उनकी बात का मान रखने के लिए ही डॉलर मजबूत हो रहा हैं और रुपया कमजोर ताकि हो सके भारत निर्माण 

हमें क्षमा कीजियेगा आदरणीय प्रधान मंत्री जी हम नादान भारतीय आपकी भावनाओं को नहीं समझ सके | आप हमारे देश के सबसे बड़े अर्थ शाश्त्री हैं अगर आपने कहा हैं तो उसमे सच्चाई तो अवश्य होगी , हम नादान कैसे समझ सकते हैं |

आप को क्या लगता हैं ? अपने विचार कमेन्ट में जरुर लिखे 

Monday 12 December 2011

धिक्कार हैं

जागो अगर इंसान हो.....




सर पर तिरंगे का जूनून,
नयी क्रांति का अरमान है,
होंठों पे वन्दे मातरम,
और दिल में हिन्दुतान है,
न जाति है न धर्म है,
न वर्ग की पहचान है,
कुदरत की ही रचना है तू,
कुछ है तो बस इंसान है,
दोष किसको देंगे क्या,
हम खुद ही जिम्मेदार हैं,
चुपचाप देखे जुल्म जो,
वो देश के गद्दार हैं,
काम वतन के न आये,
वो खून नहीं है पानी है,
जो माँ की आन न रख पाए,
वो कैसा हिन्दुस्तानी है,
माटी है ये बलिदानों की,
इसका न अब अपमान हो,
जागो पुकारे अब वतन,
जागो.... जागो अगर इंसान हो.....

ये सन्देश उन जिम्मेदार नागरिकों के लिए है जिनकी आत्मा शायद सोयी हुई है लेकिन अभी मरी नहीं है;

अगर आप दो सौ (200) साल इंतज़ार करना चाहते हैं तो आप ही को मुबारक, मैं नहीं करना चाहता...

अब या तो ये देश बदल जायेगा या मैं बदल जाऊंगा...

और अब मैं बदलने को तैयार नहीं हूँ

अब तो देश को ही बदलना पड़ेगा

भारत महान था, आज भी है, और जब तक इस देश में एक भी देशभक्त ज़िंदा रहेगा, भारत हमेशा महान रहेगा


जय हिंद !

Sunday 11 December 2011

LESSON FOR MEDIA MAN & LEADERS






"With Great Power Comes Great Responsibility " - Spider Man


लेकिन आज की प्रिंट मीडिया को देखकर कभी  भी ऐसा नहीं लगता |

हाथ में माइक, सर के ऊपर Seatalite दिखाने के के लिए एक डब्बा और देखने के लिए करोडो आँखें , आ गया पॉवर |

फौजी और आतंकवादी  दोनों के पास बन्दुक हैं फर्क सिर्फ इतना हैं एक जिम्मेदार हैं , दूसरा नहीं |

कब सीखेंगे आप अपनी जिम्मेदारी?

कब पहुचाएंगे लोगो तक सच्ची और पक्की खबर ?

कब जागेगा आपका जमीर ?

कही आपको भी किसी अन्ना का इंतज़ार तो नहीं, जो प्रिंट मीडिया को सुधरने के लिए क्रांति करेगा ?

देश की जनता जाग रही हैं , जल्दी सुधर जाओ वरना ............ आगे तुम समझदार हो |

तुम्हारी न्यूज़ की  "टी र पि " जनता के बदौलत ही हैं,  कही जनता ने सबका सिखाने की ठान ली तो ................ |

अच्छे तानाशाह भाग खड़े होते हैं , जनता के आक्रोश के सामने नहीं टिक पाते तो  तुम किस खेत की मुली हो ...............

जनता के पास हैं सोसिअल मीडिया (Google +, Twitter, Facebook, Hindivani, Youtube, etc...) 
जो प्रिंट मीडिया का बाप हैं आने वाले समय में 


Thursday 1 December 2011

वाल मार्ट के आने के बाद का प्रभाव आम भारतीय पर (व्यग्य )




अब कही का होई इ देश के ................





टीमवर्क! मानवता!! समानता!! और प्यार!!!


सफल लोगों को दूसरों की मदद करनी चाहिए !


यह घटना  एक खेल स्टेडियम की है . आठ बच्चे रेस में भाग लेने के लिए पटरी पर खड़े थे.


* तैयार! स्थिर *! * बैंग!!
खिलौना पिस्तौल की आवाज के साथ, सभी आठ लड़कियों ने चलना शुरू कर दिया. शायद ही उन्होंने  दस से पंद्रह कदम को कवर किया होगा , एक छोटी लड़की फिसल गयी और नीचे गिर गयी ,दर्द और घाव की वजह से 
उसने रोना शुरू कर दिया .


जब अन्य सात लड़कियों ने जब उसकी आवाज सुनी, उन्होंने दौड़ना बंद कर दिया, थोड़ी देर तक वे खड़ीं रहीं और फिर वापस  वे सब उस जगह आ गयीं जहां लड़की  नीचे गिरी हुई थी . उनमें से एक ने उसे उठाया और लड़की को माथे पर धीरे से चूमा और पूछा 'अब दर्द कम हो गया होगा न '.


सभी सात लड़कियों ने उस लड़की को उठा लिया, उसे शांत किया और उसके आँसूं पौछे , उनमें से दो लड़कियों ने मजबूती से अपने कन्धों के बल उसे थाम लिया और सातों के  हाथ एक साथ शामिल हो गए और एक साथ चला गया और जीत के पद पर एक साथ पहुंचा गया .


अधिकारी हैरान थे. स्टेडियम दर्शकों की हजारों तालियों से गूँज उठा शायद उनकी तालियों की आवाज भगवान तक पहुंची होगी ,कई लोगों की आँखें आँसुओं से भर गयीं .


हाँ. यह घटना  हैदराबाद [भारत] में हाल ही में हुई! खेल मानसिक स्वास्थ्य राष्ट्रीय संस्थान  [NIMH] द्वारा आयोजित किया गया था. इन सभी विशेष लड़कियों को इस घटना में भाग लेने के लिए बुलाया गया था और वे सभी मंद बुद्धि वाले बच्चे हैं. हाँ, वे मानसिक रूप से मंद थे.
क्या ये उन्होंने इस दुनिया को पढ़ाने के लिए किया था ? टीमवर्क! मानवता!! समानता!! और प्यार!!!


 सफल लोगों को दूसरों की मदद करनी चाहिए , जो सीखने में मंद हैं , ताकि वे ज्यादा पीछे नहीं छूट जाएँ ....

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