Friday 23 September 2011

हर आदमी में थोडा सा देश भक्त

आज देश तुमसे तुम्हारा बलिदान नहीं,
रक्त नहीं बस तुमसे तुम्हारा थोडा वक़्त मांगता है
चौसठ बरस चल लिए स्वतंत्रता की कोमल चादर पे
अब तुमसे आगे का कदम सख्त मांगता है
प्रजातंत्र में हो प्रजा का शासन,
जो लायक नहीं खाली कर दो आसन
देश वापस प्रजा का तख़्त मांगता है
जो तुम हो वही रहो,जो कर रहे हो वही करो
बस हर आदमी में थोडा सा देश भक्त मांगता है... 






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