- देश में मची है भयंकर लुट, चली जा रही है भयंकर चाले
- फीके पद जायेंगे २ जी और गेम्स इत्यादि के कुल घोटाले
- जब खुलेगे आयात ओर निर्यात के अब तक बंद ताले
- हालाँकि हर जगह छाई है भ्रष्टाचारियों की आतंकवादी निति
- पर सच्चाई ज्यादा दिन तक छिप नही सकती, यही है रीति
- प्रश्न है क्यों सहे और कबतक सहे हम इतने घपले और लूटपाट
- क्यों नहीं हमसब एक होकर लाए सूराज, दे बेईमानों को मात |
- सबकुछ संभव है अगर हो जाये हमसब एक, पुकार रही माँ भारती
- जुट जाओ साथियों देश की रक्षा हेतु, सिसक रही है माँ भारती
- ना कराओ और इंतज़ार, लुटेरो से तंग, क्रंदन कर रही माँ भारती |
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