- देश बड़ा या हमारा अहम भाव, सही फैसला करने का समय अब आ गया है
- करना है कुर्बान अपना अहम भाव, मातृभूमी के रक्षा हेतु, सबको भा गया है|
- देश लुट रहा है, जनता पिट रही है, भ्रष्टाचारी साम दाम दंड भेद रहे खेल
- फस इस कुचाल में होगये हम भ्रमित आपस में भिड रहे खो अपना मेल |
- साथियों, समझो गद्दारों कि चालो को, आओ हो जाये हम सब देशभक्त एक
- नाकाम हो इनकी कुचाले, एकही मंच से लगाये हुँकार, जागृत अपना विवेक|
- आजाइये एक ही मंच पर, मिले हमें असली आज़ादी, मत करिये अब निराश|
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